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New Delhi Weather: दिन में वाहनों की संख्या ज्यादा होने पर भी एक्यूआई लेवल में रात के मुकाबले ज्यादा सुधार नहीं है क्योंकि रात को वाहनों की संख्या ना के बराबर होती है। यहां जानिये कम वाहन होने के बावजूद दिल्ली के एक्यूआई लेवल में क्यों सुधार नहीं आ रहा।

AQI in Delhi: दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में अव्वल स्थान हासिल करने वाली दिल्ली मौसम बदलने के साथ खराब रैंकिंग वाले शहरों की सूची में नीचे आ रही है। मतलब यह है कि सर्दी ने जिस तरह से अलविदा बोलना शुरू कर दिया है, वैसे-वैसे दिल्ली के AQI लेवल में भी सुधार दर्ज होने लगा है। हालांकि मुसीबत यह है कि रात के समय जब वाहनों की संख्या न के बराबर होती है, तो भी एक्यूआई लेवल 300 पार चला जाता है। दिन की बात करें तो दोपहर 12 बजे तक एक्यूआई लेवल 352 ही रहता है, जबकि सड़कों पर वाहनों का भारी जमावड़ा होता है। तो जानिये बताते हैं कि आधी रात को दिल्ली की हवा के साथ ऐसा क्या खेला हो रहा है, जिससे वाहनों की मौजूदगी न होने के बावजूद हवा में घुली जहर कम क्यों नहीं होती है।

दिल्ली में वायु प्रदूषण (AQI in Delhi) का स्तर कितना 

मौसम विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो दिल्ली में 15 फरवरी की रात 12 बजे को वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI लेवल 347 दर्ज किया गया। सुबह इसका लेवल 350 पार गया, लेकिन 12 बजे के बाद घटकर 352 दर्ज किया गया। यह आधी रात 12 बजे के आंकड़े के मुकाबले 5 डिग्री ज्यादा था, जबकि रात के मुकाबले सड़कों पर वाहनों की संख्या कई गुना ज्यादा थी।

विशेषज्ञों की मानें तो मौसम में बदलाव हो रहा है। दिन में गर्म हवा होती है, जो ऊपर की ओर उठती है। ऐसे में प्रदूषण कण ऊपरी वातावरण में चले जाते हैं। रात को हवा ठंडी और स्थिर होती है, लिहाजा प्रदूषण कण निचले वातातरण में आ जाते हैं। यही वजह है कि रात के समय भी दिल्ली का वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर से ऊपर चल रहा है।

गर्मियों में भी नहीं मिलेगी वायु प्रदूषण से राहत

मीडिया रिपोर्ट्स में मौसम वैज्ञानिकों के हवाले से बताया गया है कि गर्मी में भी वायु प्रदूषण से राहत नहीं मिल सकती है। इसके लिए कई कारण जिम्मेदार हैं। मसलन, वाहनों का धुआं, पेट्रोल पंप से निकलने वाले वाष्पीकरण, ठोंस ईंधन का जलना, पराली, निर्माण कार्य कार्य और साफ सफाई का अभाव समेत कई कारण हैं, जो कि वायु स्तर को प्रभावित करते हैं। ऐसे में वायु प्रदूषण से बचने के लिए सभी सकारात्मक उपाय अपनाने होंगे।

आमतौर पर कब ज्यादा रहता है वायु प्रदूषण

आईआईटी कानपुर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में सुबह 10 से 11 बजे और शाम को 9 से 10 के बीच वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा रहता है। इसके अलावा अक्टूबर से जनवरी तक भी वायु प्रदूषण का स्तर भी बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है। फसल कटाई के समय भी पराली जलाने की वजह से भी वायु प्रदूषित होती है। एक रिपोर्ट की मानें तो रात के समय हवा की नमी में कमी आएगी तो रात को वायु प्रदूषण में कमी आएगी।

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दिल्ली में PM 2.5 और PM 10 का लेवल कितना

आंकड़ों पर नजर डालें तो दिल्ली में रात 12 बजे PM 2.5 का स्तर 248 माइक्रोग्राम मीटर घनक्यूब दर्ज किया गया, जबकि पीएम 10 का आंकड़ा 424.5 माइक्रोग्राम घनमीटर रहा। पिछले आंकड़ों पर भी नजर डालें तो यह दोनों स्तर भी बेहद खतरनाक श्रेणी में रहे।

हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि पीएम 2.5 स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक हैं। यह प्रदषण कण बेहद सुक्ष्म होते हैं। इनका तत्काल सेहत पर असर नहीं पड़ता, लेकिन लंबे समय बाद इसके शरीर पर बड़े नाकारात्मक असर दिखाई देते हैं। ऐसे में रात हो या दिन, आपके लिए प्रदूषित हवा से बचने के लिए उचित कदम उठाने आवश्यक हैं। विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं का खास ध्यान रखना चाहिए ताकि छोटी से लापरवाही बड़े परेशानी का सबब न बने।

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