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हरियाणा के महेंद्रगढ़ के मोहित सुसाइड केस में आखिरकर 57 दिन बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए। वे एक पूर्व मंत्री पर केस दर्ज करने की मांग कर रहे थे। इस पर हाईकोर्ट ने जांच दूसरे जिले के एसपी से करवाने के आदेश दिए तो परिजन सहमत हो गए। अब परिजन 900 किलोमीटर दूर काशी में संस्कार के लिए रवाना हो गए।

कनीना (महेंद्रगढ़)। गांव बागोत निवासी 26 वर्षीय मोहित सुसाइड केस में हाइकोर्ट के फैसले के बाद अब 57 दिन बाद परिजन अंतिम संस्कार को राजी हुए। परिजनों ने शुक्रवार सुबह साढ़े 11 बजे शव को अंतिम संस्कार करने के लिए रिसीव किया। परिजनों ने तय किया कि वे गांव में अंतिम संस्कार करने की बजाय करीब 900 किलोमीटर दूर काशी के मणिकर्णिका घाट जाएंगे। प्रशासन ने इसके लिए एंबुलेंस मुहैया करवाई। 

जांच अधिकारी एसपी बदलने पर हुए राजी

परिजनों ने एक पूर्व मंत्री पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाए थे और केस दर्ज करने की मांग की थी। ऐसा न होने पर 57 दिन से शव का अंतिम संस्कार नहीं किया था। हाईकोर्ट में याचिका के बाद आरोपों की जांच के लिए एसआईटी व जांच अधिकारी एसपी को भी बदली करने के आदेश दिए गए थे। इसे लेकर मृतक युवक के परिजन शव का दाह संस्कार करने के लिए सहमत हो गए। 

पहले गांव गए और फिर काशी रवाना

वीरवार को मृतक के परिवार ने एसडीएम डॉ. जितेंद्र सिंह अहलावत, थाना इंचार्ज निरीक्षक मुकेश कुमार, कानूनगो उमेद सिंह जाखड़, पटवारी प्रदीप कुमार से हाईकोर्ट का नोटिस रिसीव कर लिया था और शुक्रवार सुबह शव को उप नागरिक अस्पताल कनीना की मोर्चरी से लेने पर सहमति दे दी। सुबह नौ बजे उन्होंने अस्पताल पहुंचकर एसडीएम डा. जितेंद्र सिंह अलावत, थाना इंचार्ज निरीक्षक मुकेश कुमार, रविंद्र सिंह, कानूनगो उमेद सिंह जाखड़, हलका पटवारी प्रदीप कुमार, अस्पताल के एसएमओ डा. रेखा वर्मा, चिकित्सक डा. अंकित, डा. दिपांशु की उपस्थिति में शव को शव रथ वाहन में रखकर काशी के मणिकर्णिका घाट ले जाने की योजना बनाई। आइस बॉक्स में रखा शव उस वाहन में नहीं आता देख कैलाशचंद ने उपमंडल प्रशासन से सरकारी एंबुलेंस उपलब्ध कराने की गुहार लगाई। तकनीकी पेचदगी को देखते हुए उपमंडलाधीश डा. जितेंद्र अहलावत ने प्राइवेट एंबुलेंस उपलब्ध कराई। इसमें शव रखकर वे बागोत के लिए निकल पड़े। वहां पर ग्रामीणों व परिजनों की ओर से अंतिम दर्शन करने के बाद मणिकर्णिका काशी के लिए रवाना हो गए। उन्होंने बताया कि काशी की दूरी 900 किलोमीटर से अधिक होने के कारण शनिवार को वहां पहुंचने के बाद सुबह के समय शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

पिता कैलाश चंद ने शव रिसीव किया

बता दें कि पिछले 57 दिन से अस्पताल की मोर्चरी में रखे शव को रिसीव करने के बाद जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है। अस्पताल में सुरक्षा के लिए पुलिस कर्मचारी लगातार ड्यूटी कर रहे थे। वहीं उपमंडल के अधिकारी व थाना अध्यक्ष भी लगातार नजर बनाए हुए थे। एसडीएम डा. जितेंद्र सिंह अलावत ने कहा कि मृतक युवक का पिता कैलाशचंद शुक्रवार को शव को रिसीव कर लिया। अस्पताल के चिकित्सकों की राय के मुताबिक अस्पताल के फ्रीजर मे रखें शव की कंडीशन ठीक थी।
 

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