बागेश्वर धाम पर कही बड़ी बात : सोनीपत में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि अब यह स्वीकार हो गया कि फूंक मारने या पर्ची लिखने से बीमारियां नहीं जाती, अस्पताल की जरूरत होती है। वे बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री की तरफ से कैंसर उपचार के लिए अस्पताल खोलने के सवाल पर बोल रहे थे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज रविवार शाम को मॉडल टाउन में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।
गोहत्या और गोमांस का निर्यात बढ़ रहा
अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि गोहत्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा और सरकारें सिर्फ दिखावटी प्रेम करती हैं। हर पार्टी गोरक्षा की बात करती है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि गोमांस का निर्यात बढ़ रहा है और हजारों गायों की हत्या हो रही है। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि वह गोरक्षा के पक्ष में है या नहीं।
सवाल पूछे जाने से डर रही सरकार, मेरी सभा रद्द करवा दी
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि सरकारें सवाल पूछने तक से डरती हैं। दिल्ली के रामलीला मैदान में 17 मार्च को उनकी सभा की अनुमति रद्द कर दी गई। सरकार ने कानून-व्यवस्था का हवाला दिया। शंकराचार्य का कहना था कि सच यह है कि सरकार हमें प्रश्न उठाने देना ही नहीं चाहती, जवाब देना तो दूर की बात है। आईआईटी बाबा पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी बाबा हो उसे यह बताना चाहिए कि उसने समाज और धर्म के लिए क्या किया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ बातों से कुछ नहीं होगा, बाबाओं को लोक कल्याण के अपने प्रयास बताने होंगे।
अगर गोहत्या नहीं रुकी तो हिंदू राष्ट्र का कोई मतलब नहीं
शंकराचार्य ने हिंदू राष्ट्र की अवधारणा पर कहा कि अगर गोहत्या जारी रही तो हिंदू राष्ट्र का क्या मतलब है। हिंदू गोरक्षक होता है, वह गोहत्या बर्दाश्त नहीं कर सकता। जब तक गोहत्या नहीं रुकेगी, तब तक हिंदू राष्ट्र की बात बेमानी है। शंकराचार्य ने आगे कहा कि कल दिनभर वह विभिन्न राजनीतिक दलों से मुलाकात करेंगे और पूछेंगे कि वह गोरक्षा के पक्ष में हैं या नहीं।
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