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Bhopal Scholarship Scam: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में छात्रवृत्ति घोटाला सामने आया है। 8635 SC छात्रों को 10 माह की छात्रवृत्ति मिली है। 2 माह की राशि न मिलने पर MPHRC ने आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव को जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही कार्यवाही का प्रतिवेदन भी मांगा है। 

Bhopal Scholarship Scam: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में छात्रवृत्ति से जुड़ा घोटाला सामने आया है। आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित भोपाल जिले के 152 छात्रावासों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति के 8635 छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप में कटौती की गई है। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। मप्र मानव अधिकार आयोग ने इस मुद़्दे पर सरकार से जवाब मांगा है। 

मप्र मानव अधिकार आयोग (MPHRC) के नोटिस के मुताबिक, अनुसूचित जनजाति के 8635 छात्रों को महज 10 महीने की छात्रवृत्ति दी गई है। जबकि, इन छात्रों को 12 महीने शिष्यवृत्ती मिलनी चाहिए। आयोग ने आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव को जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही कार्यवाही का प्रतिवेदन भी मांगा है। 

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क्या है नियम 
मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति दोनों वर्ग के विद्यार्थियों को कॉलेज में पढ़ने के लिए छात्रावास और भोजन की व्यवस्था शासन स्तर से की जाती रही है। सरकार ने छात्रावास की व्यवस्था कर रखी है, लेकिन भोजन के लिए हर माह मिलने वाली शिष्यावृत्ति में 2 महीने की कटौती कर ली। छात्रों ने विभागीय स्तर पर शिकायत की, लेकिन सटीक जवाब नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखा है। 

शिक्षा से वंचित हो रहे छात्र 
मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल जिले के एक और मामले को संज्ञान में लिया है। करहोदा पंचायत के पांच गांवों के 500 से ज्यादा छात्र स्कूल और सड़क के अभाव में शिक्षा से दूर हैं। आसपास मिडिल स्कूल न होने के कारण उन्हें 13 किमी दूर तिलेंडी स्कूल जाना पड़ता है, लेकिन खराब सड़क के चलते उन्हें काफी मुश्किल होती है। MPHRC ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और आयुक्त को जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही बच्चों की समस्या का समाधान के लिए की गई कार्यवाही की रिपोर्ट मांगी है। 

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