Gwalior Crime News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में 17.5 बीघा जमीन के लिए पूर्व सरपंच के बेटे की हत्या कर दी गई। बुधवार दोपहर इसी मामले में पंचायत बुलाई गई थी। इसमें पीड़ित परिवार और कुछ रिश्तेदार शामिल हुए थे। विवाद सुलझाने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन बात नहीं बन पाई और दोनों पक्षों में हिंसक झड़प हो गई। गोलीबारी में पूर्व सरपंच के बेटे की मौत हो गई है।
दरअसल, ग्वालियर के गिरवाई थाना क्षेत्र स्थित गोकुलपुरा गांव में हुकुम सिंह यादव और उनके भाई पंचम सिंह यादव की पुश्तैनी जमीन है। इसे लेकर दोनों परिवारों में लंबे समय से विवाद चल रहा है। घटना के बाद गांव में खामोशी है। गुरुवार दोपहर पुलिस पहरे में मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।
यह है पूरा विवाद
- पुलिस के मुताबिक, 1989 में हुकुम सिंह के पिता मजबूत सिंह ने यह जमीन खरीदी, लेकिन हुकुम सिंह के छोटे भाई बालमुकुंद और बड़े भाई शिवचरण नाबालिग थे, लिहाजा, पूरी जमीन बड़े भाई पंचम सिंह यादव के नाम करा दी। हुकुम सिंह, बालमुकुंद और शिवचरण ने सन 2000 में कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए यह जमीन अपने नाम करा ली।
- 2018 में पंचायत बैठी और जमीन का एक हिस्सा पंचम सिंह, शिवचरण और बालमुकुंद को दिया गया। जबकि, दूसरा हिस्सा पंचम सिंह की पत्नी कमला यादव और उनके बेटे रामू व रामबरन यादव के नाम हुआ।
- 2021 में कमला और उनके बेटों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर पूरी जमीन अपने नाम करा ली। 2021 में कोर्ट ने हुकुम सिंह के पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन दूसरा पक्ष मानने को तैयार नहीं हुआ।
दोनों पक्षों से हुई ताबड़तोड़ फायरिंग
बुधवार को चौपाल में मौजूद रिश्तेदार आपसी सहमति से विवाद सुलझाने के लिए बुलाया था, लेकिन पंचम सिंह की पत्नी कमला और उनके बेटे रामबरन उर्फ रामू, रणवीर और दिनेश पिस्टल, माउजर और बंदूक लेकर पहुंच गए। बात बढ़ी तो चाचा हुकुम सिंह, शिवचरण, बालमुकुंद और पुरुषोत्तम पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। दूसरी ओर से भी जवाबी फायरिंग हुई है। इस गोलीबारी में पूर्व सरपंच शिवचरण सिंह यादव, उनका बेटा पुरुषोत्तम सिंह यादव, धीरज यादव और बालमुकुंद सिंह यादव घायल हो गए। कमला का बेटा रामबरन और दिनेश यादव भी घायल हैं।