Bhopal: भारत की बेटी भावना डेहरिया ने दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट एकांकागुआ (6,961 मीटर) पर चढ़कर एक नया इतिहास रचा दिया है। उन्होंने यह सफलता 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना की 10वीं सालगिरह पर हासिल की। भावना ने 22 जनवरी 2025 को 6,961 मीटर ऊंची चोटी पर चढ़ाई की।
भावना के लिए यह उतना आसान नहीं था, इस चढ़ाई को दो हफ्ते लग गए, बेहद ठंडे मौसम और मुश्किल रास्तों को पार करने के बाद कई पड़ावों से होते हुए भावना चोटी तक पहुंच पाईं। यह भावना की दुनिया के सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों में से पांचवीं सफलता रही। इसके पहले भावना माउंट एवरेस्ट, फिर किलिमंजारो, कोसिउस्को और एलब्रुस पर चढ़ाई कर चुकी हैं।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और गर्व से बेटियों को आगे बढ़ाओ...
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) January 24, 2025
आज राष्ट्रीय बालिका दिवस पर यह साझा करते हुए गर्व हो रहा है कि भारत की बेटी, 'पर्वतारोही' भावना डेहरिया ने 22 जनवरी 2025 को दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट एकॉनकागुआ (6,961 मीटर) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर हम सभी को… pic.twitter.com/G42cx7A900
'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' की ब्रांड एंबेसडर हैं भावना डेहरिया
बता दें कि भावना 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' की ब्रांड एंबेसडर हैं। साथ ही उन्होंने अपनी 3 साल की बेटी सिद्धि के साथ एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंचने का रिकॉर्ड भी बनाया है। भावना ने कई वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाए हैं। वे अपनी कहानी से दूसरों को प्रेरणा देती हैं और साबित करती हैं कि मन में ठान लें तो कोई भी लक्ष्य पा सकते हैं।
कैसे शुरु हुई माउंट एकांकागुआ की यात्रा?
भावना की एकांकागुआ की यात्रा 11 जनवरी 2025 को होर्कोनेस वैली के रास्ते से शुरू हुई। यह एकांकागुआ पर्वत पर चढ़ने का सीधा रास्ता है। एकांकागुआ नेशनल पार्क से शुरू करके, भावना और उनकी टीम पहले कॉन्फ्लुएंसिया बेस कैंप पहुंची। वहां से प्लाजा फ्रांसिया (4,300 मीटर) तक जाकर वे मौसम के अनुसार होने की तैयारी करने लगे। अगले कुछ दिनों में टीम ने कई पड़ावों को पार किया- प्लाजा डी मूलस बेस कैंप (4,300 मीटर), कैंप निडो डी कॉन्डोरेस (5,365 मीटर), और कैंप कोलेरा (6,000 मीटर)।
रास्ते में भावना और उनकी टीम को बेहद खराब मौसम का सामना करना पड़ा। तापमान -13°C से -27°C तक गिर गया। खराब मौसम के कारण उन्हें बेस कैंप में दो दिन और कैंप-2 में एक दिन ज्यादा रुकना पड़ा। आखिरकार 22 जनवरी को, कैनालेटा सेक्शन की चुनौतियों को पार करते हुए भावना ने एकांकागुआ की चोटी पर कामयाबी हासिल की। बता दें कि यह उनकी दूसरी कोशिश थी। 2019 में वे 6,500 मीटर तक पहुंची थीं, लेकिन खराब मौसम के कारण वापस लौटना पड़ा था। इस बार उन्होंने अपनी पहली कोशिश की कमी को पूरा किया और इतिहास रच दिया।
जेपी ग्रुप और दिलीप बिल्डकॉन ने की मदद
भावना की इस सफलता में जेपी ग्रुप और दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड ने मदद कर पूरा सहयोग दिया, ताकि वे दुनिया के पर्वतारोहण के क्षेत्र में भारत का नाम रोशन कर सकें।
"अगर मैं कर सकती हूं, तो हर बेटी कर सकती है"
भावना का कहना है कि "मैं सभी बेटियों को कहना चाहती हूं कि आपको अपने जीवन में हौसला रखना चाहिए, इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। अगर मैं कर सकती हूं, तो हर बेटी कर सकती है।"
सोशल मीडिया पर मिली बधाई
भावना की इस सफलता पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान, राजेन्द्र शुक्ल (उप मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश), राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, चायत, ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, सहकारिता, खेल और युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग, निर्मला भूरिया (महिला एवं बाल विकास मंत्री), नागर सिंह चौहान (अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री), आलोक शर्मा (भोपाल सांसद), रमेश मेंदोला (विधायक, इंदौर-2 विधानसभा), रामेश्वर शर्मा (विधायक, हुजूर विधानसभा, भोपाल) और भगवानदास सबनानी (विधायक, भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधानसभा) ने सोशल मीडिया के माध्यम से बधाई दी।