Pariksha Pe Charcha 4th Episode: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनिशिएटिव ‘परीक्षा पे चर्चा’ का चौथा एपिसोड शुक्रवा(14 feb) को सुबह 10 बजे प्रसारित किया गया। इस शो में दिग्गज शेफ शोनाली सबरवाल, न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर और हेल्थ इंफ्लुएंसर रेवंत हिमातसिंका शामिल हुए। इन सभी विशेषज्ञों ने बताया कि खान-पान के जरिये कैसे छात्र परीक्षा के दौरान अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखकर खुद को तनावमुक्त रख सकते हैं।
कॉफी की जगह क्या पीएं
कार्यक्रम में शामिल शोनाली ने कहा कि यदि आप कॉफी के शौक़ीन हैं, तो उसकी जगह ग्रीन टी लेना शुरू कर दें। अगर आपको रिलैक्स करना है, तो बीटरूट जूस का सेवन करें। पढ़ाई के दौरान ब्रेन को क्रंच पसंद आता है। इसी कारण हम चिप्स खाते हैं। लेकिन आप घर पर शकरकंदी के चिप्स बना सकते हैं। शुगर क्रेविंग के लिए डार्क चॉकलेट खाएं, लेकिन सीमित मात्रा में।
जंक फूड की जगह क्या खाएं
रेवंत ने छात्रों को सुझाव दिया कि अगर आप पैकिंग पर दिए गए लेबल को ध्यान से पढ़ने लगेंगे, तो आपको यह आसानी से समझ में आ जाएगा कि क्या खाना सही है, क्या नहीं। अगर आपको जंक फूड का मन कर रहा है, तो सुबह के समय ताजे हरे पत्तेदार सब्जियां खाएं। इसके अलावा लंच, ब्रेकफास्ट या डिनर के बीच में नट्स का सेवन करें और सुबह-सुबह ताजे फल खाएं।
शोनाली ने बताया कि अगर तनाव के कारण कब्ज की समस्या हो रही है, तो आप केले और दही-चीनी का सेवन कर सकते हैं।
खेलकूद-एक्सरसाइज जरूरी
पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए आप शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान दें, जो कि बेहद जरूरी है। सिर्फ एक जगह बैठकर पढ़ाई न करें। अगर आप आधे घंटे के लिए भी खेलकूद करेंगे, तो आपका पोस्चर सही रहेगा। शोनाली ने आगे बताया कि आयु, वायु और पैर की एक्सरसाइज से शरीर स्वस्थ रहता है। यानी थोड़ा वॉक करने से आपकी सेहत बेहतर होती है और जीवन में खुशी भी आती है।
खाने में होनी चाहिए विविधता
कार्यक्रम में शामिल हुईं रुजुता ने बताया कि जैसे एग्जाम में अलग-अलग सब्जेक्ट होते हैं, वैसे ही आपके खाने में भी विविधता होनी चाहिए। एनर्जी ड्रिंक से तनाव बढ़ता है, इसलिए आप इसकी जगह केला खा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आपकी डाइट में चावल भी शामिल होना चाहिए। शोनाली ने कहा कि आप दही और चीनी का सेवन कर सकते हैं और पैक्ड फूड से जितना हो सके, बचने की कोशिश करें।
स्ट्रेस और ब्रेकफास्ट में क्या खाएं
न्यूट्रिशन एक्सपर्ट शोनाली ने छात्रों को बताया कि पहले जो भी हम खाते थे, वह सभी सही था, लेकिन आजकल खाने से पहले हमें सोचने की आवश्यकता पड़ती है। वहीं, रेवंत ने कहा कि जब उन्हें स्ट्रेस होता था, तब वह मीठा खाते थे। बेहतर यह है कि आप घर का बना खाना खाएं। रुजुता ने कहा कि बच्चों को शुगर से दूर रहना चाहिए, इसकी जगह मिलिट्स, ब्राउन राइस जैसे स्वस्थ विकल्प खाने चाहिए। खासतौर पर, सुबह के भोजन में मिलिट्स का होना जरूरी है।
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