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Vinesh phogat verdict: विनेश फोगाट के मामले में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स का फैसला अब 13 अगस्त को आएगा। आखिर क्यों इसमें देरी हो रही।

नई दिल्ली। भारतीय रेसलर विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं, ये फैसला अब 11 के बजाए 13 अगस्त को आएगा। ये जानकारी कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स ने दी। पहले ये जानकारी सामने आई थी कि CAS भारतीय समय के मुताबिक शनिवार रात 9.30 बजे इस पर फैसला जारी करेगा। लेकिन, कोर्ट ने 2 दिन का वक्त और बढ़ा दिया है। अब इस मामले पर 13 अगस्त को फैसला आएगा। 

विनेश फोगाट को बीते बुधवार को महिलाओं की 50 किलो फ्री स्टाइल कुश्ती के फाइनल से पहले डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था। दरअसल, फाइनल से पहले उनका वजन तय सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया था। इसके बाद उन्हें पेरिस ओलंपिक से अयोग्य करार दे दिया गया और वो अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट के खिलाफ फाइनल बाउट में उतर नहीं पाईं। गुजमैन लोपेज, जिन्हें विनेश ने हराया था, उन्होंने फाइनल में भारतीय रेसलर की जगह ली थी और अमेरिकी रेसलर ने लोपेज को हराकर गोल्ड मेडल जीता था। 

बता दें कि 9 अगस्त को ही विनेश के मामले में CAS में कई घंटे सुनवाई हुई थी। इस दौरान विनेश भी वर्चुअली मौजूद रहीं थीं। भारतीय ओलंपिक संघ की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने विनेश का पक्ष रखा था। विनेश ने जॉइंट सिल्वर मेडल की मांग की है। 

विनेश के मामले में फैसला सुनाने में क्यों देरी हो रही?
CAS ने विनेश फोगाट से 3 सवालों के जवाब मांगे हैं। इसी वजह से फैसला सुनाने में वक्त लिया जा रहा। CAS में सुनवाई करने वाले जज ने विनेश से तीन सवाल पूछे हैं। पहला सवाल ये है कि क्या नियम की जानकारी थी कि दूसरे दिन यानी फाइनल वाले दिन भी वजन होगा? दूसरा सवाल रजत पदक से जुड़ा है। विनेश से पूछा गया है कि क्या क्यूबा की पहलवान संयुक्त रूप से आपके साथ सिल्वर मेडल शेयर कर लेंगी? तीसरा सवाल ये है कि आपको फैसला सार्वजनिक चाहिए या निजी तौर पर इसकी जानकारी दे दी जाए। 

UWW प्रमुख ने इस मामले पर क्या कहा?
यूनाइडेट वर्ल्ड रेसलिंग के प्रमुख नेनाद लालोविक ने कहा कि अयोग्य ठहराए जाने पर विनेश की निराशा समझ में आती है, लेकिन अपवाद की कोई गुंजाइश नहीं थी। लालोविक ने कहा, "हमें नियमों का सम्मान करना चाहिए। उसके साथ जो हुआ, उससे मैं भी बहुत दुखी हूं। उसका वजन थोड़ा ज़्यादा था, लेकिन नियम तो नियम हैं। वजन मापने का काम सार्वजनिक है और सभी एथलीट वहां मौजूद थे। किसी ऐसे व्यक्ति को प्रतिस्पर्धा में शामिल करना असंभव है जो वजन के हिसाब से सही नहीं है।"

अगर CAS ने विनेश के खिलाफ फैसला सुनाया तो क्या होगा?
खेल कानून विशेषज्ञ विदुष्पत सिंघानिया, जो अब CAS के साथ इस मामले में IOA की मदद कर रहे हैं, ने विनेश के खिलाफ फैसला जाने को लेकर कहा, "तकनीकी रूप से, आप स्विटजरलैंड की कोर्ट में CAS के फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं। लेकिन नतीजा आपके हक में आए इसकी संभावना बहुत कम है क्योंकि यह सार्वजनिक नीति के खिलाफ होना चाहिए। अपील केवल इस आधार पर की जा सकती है कि सुनवाई के दौरान निष्पक्ष प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, जो कि असंभव है। इसलिए, यह माना सकता है कि CAS का फैसला ही अंतिम होगा।"

क्या है CAS?
कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट यानी CAS का काम खेल से जुड़े कानूनी विवादों पर सुनवाई और फैसला करना है। इसकी स्थापना 1984 में हुई थी। इसका हेडक्वार्टर स्विटजरलैंड के लॉजेन में है। वहीं, इसके कोर्ट न्यूयॉर्क और सिडनी में भी हैं। वैसे, ओलंपिक के दौरान भी अस्थायी कोर्ट बनाई जाती है। इसी वजह से विनेश फोगाट के मामले में शुरुआती सुनवाई पेरिस में हुई। 

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