New Delhi Railway Station Stampede: राजधानी दिल्ली के नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ में 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए, जिनका अस्पताल में इलाज जारी है। घटना के बाद वहां मौजूद एक पिता ने अपनी 7 साल की बेटी की मौत पर दिल दहला देने वाली आपबीती सुनाई, वहीं एक कुली ने अपनी जान पर खेलकर कई मासूमों की जान बचाई।
भीड़ और अव्यवस्था के कारण मची भगदड़
शनिवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हजारों लोग प्रयागराज महाकुंभ में जाने के लिए एकत्रित हुए थे। प्लेटफॉर्म पर भीड़ इतनी ज्यादा थी कि ट्रेन में चढ़ने की होड़ के कारण अव्यवस्था फैल गई और भगदड़ मच गई। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) हिमांशु उपाध्याय ने बताया कि पटना जाने वाली मगध एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर खड़ी थी, जबकि नई दिल्ली-जम्मू उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 15 पर थी। इसी दौरान एक अनाउंसमेंट के चलते अफरातफरी मच गई और सैकड़ों लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे।
पिता ने बेटी को खोने की दर्दनाक कहानी सुनाई
इस भगदड़ में अपनी 7 साल की बेटी रिया को खोने वाले ओपिल सिंह ने बताया कि वे दिल्ली में मजदूरी करते हैं और परिवार के साथ प्रयागराज महाकुंभ में जाने के लिए स्टेशन पहुंचे थे। हम लोग प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर उतरे थे। बहुत भीड़ थी, तो मैंने पत्नी से कहा कि चलो घर चलते हैं, बच्चों को लेकर जाने का फायदा नहीं है। लेकिन तभी भगदड़ मच गई और मेरी बेटी मेरे हाथ से छूट गई।
उन्होंने बताया कि जैसे ही वे सीढ़ियों से उतर रहे थे, अचानक लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। हजारों की भीड़ एक साथ नीचे उतर रही थी, जिससे संभलने का कोई मौका ही नहीं मिला। मेरी बेटी रिया के सिर में लोहे की रॉड घुस गई। उसका पूरा शरीर काला पड़ गया था। उसने मेरे सामने ही दम तोड़ दिया। हम उसे बचाने के लिए ऑटो से अस्पताल ले गए, लेकिन कोई एंबुलेंस तक नहीं मिली। रेलवे की ओर से कोई मदद नहीं मिली। हादसे के बाद किसी ने मेरा मोबाइल और पर्स तक चोरी कर लिया।
कुली की बहादुरी: 4 साल की बच्ची को दी नई जिंदगी
इस हादसे में रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कुलियों ने भी जान की बाजी लगाकर कई लोगों की जान बचाई। कुली मोहम्मद हाशिम, जो घटना के प्रत्यक्षदर्शी हैं, ने बताया कि उन्होंने 8-10 बच्चों को भीड़ से निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचाया। हम रोज की तरह अपना काम कर रहे थे, तभी अचानक चीख-पुकार मच गई। हम सभी कुली वहां भागे। हमने देखा कि बच्चे फर्श पर पड़े हैं, महिलाएं और पुरुष इधर-उधर भाग रहे हैं। हमने कई बच्चों को उठाकर बाहर निकाला। कुछ लोग मर चुके थे और कुछ बेहोश थे।
उन्होंने बताया कि एक महिला अपनी 4 साल की बच्ची के मर जाने की बात कहकर रो रही थी। हाशिम ने तुरंत बच्ची को उठाया और उसे बाहर ले गए। मैंने बच्ची को उठाया और सुरक्षित जगह ले गया। अचानक 2 मिनट बाद उसने सांस लेना शुरू कर दिया। उसकी मां खुशी के मारे रो पड़ी। हम कह सकते हैं कि या तो हम बहादुर हैं या मूर्ख, जो अपनी जान दांव पर लगाकर कूद पड़े। लेकिन हमने कई लोगों की जान बचाई।
घटनास्थल पर अव्यवस्था, नहीं मिली एंबुलेंस
इस भगदड़ में कई घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए पर्याप्त एंबुलेंस तक मौजूद नहीं थीं। ओपिल सिंह ने बताया कि उन्हें अपनी बेटी को ऑटो से अस्पताल ले जाना पड़ा। रेलवे प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किया था। लोगों को भगदड़ में कुचलने से बचाने के लिए कोई उपाय नहीं था। मेरी बेटी को बचाया जा सकता था, अगर समय पर मेडिकल सहायता मिल जाती। रेलवे प्रशासन की लापरवाही पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पहले से इंतजाम क्यों नहीं किए गए।
#WATCH | Stampede at New Delhi railway station | Mohammad Hashim, a porter (coolie) at the railway station and an eyewitness narrates the scenes he saw yesterday; gets emotional as he recounts how a 4-year-old girl, who he saved, was resuscitated.
— ANI (@ANI) February 16, 2025
"...We were working like any… pic.twitter.com/b5CF7uzun3
सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया
उत्तर रेलवे ने इस घटना पर दुख जताते हुए पीड़ित परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। हालांकि, ओपिल सिंह का कहना है कि उनकी बेटी वापस नहीं आएगी, मुआवजा किसी भी तरह का न्याय नहीं है। मुआवजा दे देने से मेरी बेटी वापस नहीं आएगी। हम चाहते हैं कि सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए।
ये भी पढ़ें: नई दिल्ली हादसे पर आरोपों की राजनीति शुरू, केजरीवाल से लेकर पवन खेड़ा तक...जानें किसने क्या कहा?
1478 कुलियों ने दिया योगदान
रेलवे स्टेशन पर मौजूद कुली हाशिम ने बताया कि इस हादसे में 1478 कुलियों ने बचाव कार्य में हिस्सा लिया। यह हादसा किसी एक ट्रेन की वजह से नहीं हुआ, बल्कि कई ट्रेनों के लिए उमड़ी भीड़ के कारण हुआ। यह रोजाना होता है, लेकिन कल जो हुआ, वह बहुत भयावह था। रेलवे प्रशासन और सरकार को इस तरह की घटनाओं से सीख लेते हुए भविष्य में बेहतर इंतजाम करने की जरूरत है, ताकि आगे ऐसी त्रासदी न दोहराई जाए।
ये भी पढ़ें: New Delhi Stampede: खचाखच भीड़...भगदड़...फिर मौत का मंजर, इन 12 तस्वीरों के जरिए समझिए हादसे की कहानी