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EVM Verification: EVM वेरिफिकेशन के लिए कांग्रेस विधायक करण सिंह दलाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की पीठ इस पर सुनवाई करेगी।

EVM Verification: EVM वेरिफिकेशन का मुद्दा एक बार फिर से सुर्खियों में है। हरियाणा के  पूर्व मंत्री और पांच बार के विधायक रहे करण सिंह दलाल ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) वेरिफिकेशन के लिए स्पष्ट नीति बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। यह याचिका आज यानी शुक्रवार 24 नवंबर को जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की पीठ के सामने पेश की गई। जिसके बाद पीठ ने कहा कि इस याचिका को मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की पीठ के सामने पेश किया जाए। अब ईवीएम वेरिफिकेशन की मांग वाली याचिका पर संजीव खन्ना की पीठ सुनवाई करेगी।

याचिकाकर्ताओं ने क्या मांग उठाई है ?

याचिका में कहा गया है कि ईवीएम वेरिफिकेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 'एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म बनाम केंद्र सरकार' मामले में जो आदेश दिया था, उनका पालन किया जाए। दलाल ने लखन कुमार सिंगला के साथ मिलकर ये याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि वे ईवीएम की बर्न्ट मेमोरी या ईवीएम के चार भागों कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट, वीवीपैट और सिंबल लोडिंग यूनिट के माइक्रोकंट्रोलर की जांच कराने का प्रोटोकॉल लागू करें।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल आदेश दिया था कि चुनाव के रिजल्ट आने के बाद, प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पांच प्रतिशत ईवीएम का वेरिफिकेशन ईवीएम निर्माताओं के इंजीनियर करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि वेरिफिकेशन की प्रक्रिया दूसरे या तीसरे सबसे अधिक वोट पाने वाले उम्मीदवारों के लिखित अनुरोध करने  पर आयोजित की जाएगी। लेकिन इस पर याचिकाकर्ता का कहना है कि  निर्वाचन आयोग ऐसी कोई नीति जारी करने में विफल रहा है, जिससे 'बर्न मेमोरी’ वेरिफिकेशन की प्रक्रिया अस्पष्ट बनी हुई है।

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याचिका में क्या कहा गया है ?

याचिका में कहा गया है कि, निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मौजूदा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में केवल बुनियादी निदान परीक्षण और मॉक पोल  शामिल हैं। ईवीएम के निर्माता भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) के इंजीनियरों की भूमिका कथित तौर पर मॉक पोल के दौरान वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती तक ही सीमित है।

जिसकी वजह से मशीनों की गहन जांच नहीं हो पाती है। दलाल और सिंगला का कहना है कि उन्होंने याचिका जरिये चुनाव परिणाम को चुनौती नहीं दी, बल्कि ईवीएम वेरिफिकेशन के लिए मजबूत तंत्र का अनुरोध किया है। चुनाव को रिजल्ट को लेकर पहले से ही अलग-अलग चुनाव याचिकाएं पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में पेंडिंग है।

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